पितृ शांति अनुष्ठान
जब जीवन में अनजाने अवरोध, असफलता और मानसिक अशांति बार-बार सामने आती है, तो उसका कारण पितृदोष भी हो सकता है। पितरों की आत्मा की शांति और संतुष्टि हेतु यह अनुष्ठान किया जाता है। श्रद्धा से किया गया पितृ शांति अनुष्ठान पितरों की कृपा प्राप्त करने का दिव्य माध्यम है।
अनुष्ठान का दिव्य फल
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पितरों की आत्मा को शांति एवं संतोष की प्राप्ति होती है।
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पितृदोष से उत्पन्न जीवन की बाधाएँ, रुकावटें और दुर्भाग्य समाप्त होने लगते हैं।
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परिवार में सौहार्द, सुख-शांति और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
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संतान सुख, वंश वृद्धि और कुल की समृद्धि में वृद्धि होती है।
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पितरों की कृपा से जीवन में स्थिरता, सफलता और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
