मंगल शांति अनुष्ठान
जब जन्मकुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर हो, तो जीवन में क्रोध, वाद-विवाद, रोग और संघर्ष बढ़ते हैं। मंगल शांति अनुष्ठान शनि देव और मंगल ग्रह की कृपा से इन प्रभावों को शांत करता है।
अनुष्ठान का फल
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मंगल और शनि देव की कृपा से क्रोध और वाद-विवाद कम होते हैं।
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जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और मानसिक शांति आती है।
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परिवार में सुख-शांति और संबंधों में सुधार होता है।
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कार्य और व्यवसाय में सफलता और उन्नति मिलती है।
